दादी मेरी - दादी मेरी,
बहुत प्यार करती थी हमको!
रोज सुबह-सुबह जगाकर,
सैर कराती थी हमको !!
कभी नहीं डाटती हमको,
खूब प्यार जताती थी !
घर में सब लोगों को,
प्यार से समझाती थीं !!
विषम परिस्थितियों में भी,
हिम्मत बहुत बढाती थीं !
कभी न हिम्मत हारो तुम,
ऐसा पाठ पढ़ाती थीं !!
(समर्पित दादी माँ)
भारत@79: अटूट शक्ति की ओर..... "79 वर्षों की यात्रा से विश्व-नेतृत्व की
दहलीज़ तक — भारत का समय अब है।"
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"उन्नासी वर्ष की यात्रा में भारत ने संघर्ष से सफलता, और सफलता से नेतृत्व की
राह तय की है। आज हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र, उभरती अर्थव्यवस्था और
सांस्क...
3 दिन पहले