बचपन का जमाना होता था
खुशियों का खजाना होता था,
चाहत चाँद को पाने की
दिल तितली का दीवाना होता था,
खबर न थी कुछ सुबह की
न शामों का ठिकाना होता था,
थक-हार के आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना होता था,
दादी की कहानी होती थीं
परियों का फसाना होता था,
बारिश में कागज की कसती थी
हर मौसम सुहाना होता था,
हर खेल में साथी होते थे
हर रिश्ता निभाना होता था,
पापा की वो डांटें गलती पर
माँ का मनाना होता था,
कैरियर की टेंशन न होती थी
ना ऑफिस को जाना होता था,
रोने की वजह ना होती थी
ना हंसने का बहाना होता था,
अब नहीं रही वो जिन्दगी
जैसा बचपन का जमाना होता था
डाक विभाग अपने विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से वित्तीय समावेशन को दे रहा
बढ़ावा - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
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भारतीय डाक विभाग देश के सबसे पुराने और विश्वसनीय विभागों में से एक है, जो
दशकों से भारत के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
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4 दिन पहले
1 टिप्पणी:
Kavita ke sang Bachpan mein khoo gaye hum.
bahut achhi tukbandi uttam bhav snjoye.
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