बचपन का जमाना होता था
खुशियों का खजाना होता था,
चाहत चाँद को पाने की
दिल तितली का दीवाना होता था,
खबर न थी कुछ सुबह की
न शामों का ठिकाना होता था,
थक-हार के आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना होता था,
दादी की कहानी होती थीं
परियों का फसाना होता था,
बारिश में कागज की कसती थी
हर मौसम सुहाना होता था,
हर खेल में साथी होते थे
हर रिश्ता निभाना होता था,
पापा की वो डांटें गलती पर
माँ का मनाना होता था,
कैरियर की टेंशन न होती थी
ना ऑफिस को जाना होता था,
रोने की वजह ना होती थी
ना हंसने का बहाना होता था,
अब नहीं रही वो जिन्दगी
जैसा बचपन का जमाना होता था
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जीवन और विचार स्वच्छता, अहिंसा व सेवा भाव का
प्रतीक - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
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महात्मा गांधी न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे, बल्कि एक सच्चे
समाजसेवी और सेवा के आदर्श भी थे। उनका जीवन और विचार स्वच्छता, अहिंसा और
सेवा भ...
7 घंटे पहले
1 टिप्पणी:
Kavita ke sang Bachpan mein khoo gaye hum.
bahut achhi tukbandi uttam bhav snjoye.
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