बचपन का जमाना होता था
खुशियों का खजाना होता था,
चाहत चाँद को पाने की
दिल तितली का दीवाना होता था,
खबर न थी कुछ सुबह की
न शामों का ठिकाना होता था,
थक-हार के आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना होता था,
दादी की कहानी होती थीं
परियों का फसाना होता था,
बारिश में कागज की कसती थी
हर मौसम सुहाना होता था,
हर खेल में साथी होते थे
हर रिश्ता निभाना होता था,
पापा की वो डांटें गलती पर
माँ का मनाना होता था,
कैरियर की टेंशन न होती थी
ना ऑफिस को जाना होता था,
रोने की वजह ना होती थी
ना हंसने का बहाना होता था,
अब नहीं रही वो जिन्दगी
जैसा बचपन का जमाना होता था
My Stamp : अब अपने जन्मदिन, विवाह व सालगिरह पर भी लोग जारी करवा सकेंगे डाक
टिकट - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
-
आजकल हर कोई जन्मदिन, शादी, सालगिरह या रिटायरमेंट को यादगार बनाने के लिए कुछ
अनूठा करना चाहता है। पर कभी आपने सोचा है कि आपके जीवन के इन महत्वपूर्ण पलों
प...
1 हफ़्ते पहले
1 टिप्पणी:
Kavita ke sang Bachpan mein khoo gaye hum.
bahut achhi tukbandi uttam bhav snjoye.
एक टिप्पणी भेजें