बचपन का जमाना होता था
खुशियों का खजाना होता था,
चाहत चाँद को पाने की
दिल तितली का दीवाना होता था,
खबर न थी कुछ सुबह की
न शामों का ठिकाना होता था,
थक-हार के आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना होता था,
दादी की कहानी होती थीं
परियों का फसाना होता था,
बारिश में कागज की कसती थी
हर मौसम सुहाना होता था,
हर खेल में साथी होते थे
हर रिश्ता निभाना होता था,
पापा की वो डांटें गलती पर
माँ का मनाना होता था,
कैरियर की टेंशन न होती थी
ना ऑफिस को जाना होता था,
रोने की वजह ना होती थी
ना हंसने का बहाना होता था,
अब नहीं रही वो जिन्दगी
जैसा बचपन का जमाना होता था
Navodaya Foundation Day (13 April) : नवोदय स्थापना दिवस - हम नव युग की नई
भारती, नई आरती...
-
* हम नव युग की नई भारती, नई आरती*
*हम स्वराज्य की ऋचा नवल, भारत की नवलय हों*
*नव सूर्योदय, नव चंद्रोदय, हमी नवोदय हों। *
भारत में 13 अप्रैल, 1986 को दो ...
11 घंटे पहले
1 टिप्पणी:
Kavita ke sang Bachpan mein khoo gaye hum.
bahut achhi tukbandi uttam bhav snjoye.
एक टिप्पणी भेजें